8 month girl rape |
नई दिल्ली
शकूरबस्ती में 8 महीने की बच्ची के साथ रेप के बाद बच्ची की चिंताजनक स्थिति को सुप्रीम कोर्ट ने बेहद गंभीरता से लिया है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने निर्देश दिया है कि एम्स के दो डॉक्टर ऐम्बुलेंस के साथ बच्ची को देखने जाएं और स्थिति का आंकलन करें और जरूरत हो तो उसे तुरंत एम्स में इलाज के लिए भर्ती कराया जाए। बच्ची का फिलहाल कलावती शरण चिल्ड्रेन अस्पताल में इलाज चल रहा है।
सुप्रीम कोर्ट के सामने एक वकील ने मामले को उठाया और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने मामले की सुनवाई के लिए दोपहर बाद का वक्त तय कर दिया। मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने संविधान के अनुच्छेद-32 के तहत रिट दाखिल करते हुए कहा कि 8 महीने की बच्ची के साथ उसके एक रिश्तेदार ने रेप किया है। इस घटना के बाद बच्ची की स्थिति चिंताजनक हो गई है। बच्ची का एम्स में इलाज कराया जाए और उसे मुआवजा दिया जाए।
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने मामले की सुनवाई के दौरान अडिशनल सॉलिसिटर जनरल को मामले में सहयोग करने के लिए बुलाया। कोर्ट में सुनवाई के दौरान अदालत ने ये जानना चाहा कि बच्ची का इलाज किस अस्पताल में चल रहा है। वकील ने इतना बताया कि नॉर्थ वेस्ट के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है। बाद में अखबार मंगाया गया और फिर पता चला कि बच्ची का इलाज कलावती शरण चिल्ड्रेन अस्पताल में चल रहा है।
अदालत ने मामले में चिंता जताई और कहा कि एम्स के दो सक्षम डॉक्टर अस्पताल जाएं। डॉक्टर के साथ ऐम्बुलेंस भी जाएगी। बच्ची को दोनों डॉक्टर देखें और फिर वहां स्थिति का जायजा लें। अगर जरूरत पड़े तो बच्ची को एम्स में शिफ्ट कराया जाए।
अदालत ने कहा कि इस दौरान दिल्ली लीगल सर्विस अथॉरिटी के अधिकारी भी डॉक्टरों के साथ होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बच्ची के पैरंट्स डॉक्टर को सहयोग करेंगे। कोर्ट ने मामले में गुरुवार को रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।
उधर, याचिकाकर्ता ने कहा कि बच्ची का इलाज चल रहा है। उसके पैरंट्स की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। पिता श्रमिक हैं जबकि मां घरेलू सहायिका हैं। बच्ची की तीन बार सर्जरी हो चुकी है। बच्ची को बाहरी और भीतरी जख्म हैं। उसकी हालत चिंताजनक है। बच्ची का एम्स में इलाज कराया जाए। बच्ची को तुरंत 10 लाख रुपये मुआवजा दिया जाए।
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